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गीता प्रवचन - विनोबा
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मैत्री और मित्र भाव
चंदन सुकुमार सेनगुप्ता उत्तर भारत के एक रेलवे स्टेशन पर एक महात्मा काफ़ी देर तक उच्च दर्जे के प्रतीक्षालय में बैठे रहे | स...
आत्मा को कैसे समझें
चन्दन सुकुमार सेनगुप्ता सिर्फ आदमी ही है जो अक्सर ज्योतिषी के चक्कर में पड़ जाया करता ; किसी जंतु जानवर को शायद ...
मनुष्य और जीवन-संग्राम
जब हम गीता की शिक्षा को उसके व्यापक , उदार रूप में समझते हैं तब हमें जगत् के व्यक्त रूप और कर्म के संबंध में बौद्...