अनमोल विचार

 



मनुष्य जितना ज्ञान में घुल गया हो उतना ही कर्म के रंग में रंग जाता है। “ आचार्य विनबा भावे


जिस राष्ट्र में चरित्रशीलता नहीं है उसमें कोई योजना काम नहीं कर सकती। “" ~ आचार्य विनबा भावे


ऐसे देश को छोड़ देना चाहिए जहाँ न आदर हैन जीविकान मित्रन परिवार और न ही ज्ञान की आशा। “ आचार्य विनबा भावे


स्वतंत्र वही हो सकता है जो अपना काम अपने आप कर लेता है। “आचार्य विनबा भावे


विचारकों को जो चीज़ आज स्पष्ट दीखती है दुनिया उस पर कल अमल करती है। “आचार्य विनबा भावे


केवल अंग्रेज़ी सीखने में जितना श्रम करना पड़ता है उतने श्रम में भारत की सभी भाषाएँ सीखी जा सकती हैं। “आचार्य विनबा भावे


कलियुग में रहना है या सतयुग में यह तुम स्वयं चुनोतुम्हारा युग तुम्हारे पास है। “आचार्य विनबा भावे





प्रतिभा का अर्थ है बुद्धि में नई कोपलें फूटते रहना। नई कल्पनानया उत्साहनई खोज और नई स्फूर्ति प्रतिभा के लक्षण हैं। “आचार्य विनबा भावे


महान विचार ही कार्य रूप में परिणत होकर महान कार्य बनते हैं। “आचार्य विनबा भावे


जबतक कष्ट सहने की तैयारी नहीं होती तब तक लाभ दिखाई नहीं देता। लाभ की इमारत कष्ट की धूप में ही बनती है। “आचार्य विनबा भावे


द्वेष बुद्धि को हम द्वेष से नहीं मिटा सकतेप्रेम की शक्ति ही उसे मिटा सकती है। “आचार्य विनबा भावे


जिसने ज्ञान को आचरण में उतार लियाउसने ईश्वर को मूर्तिमान कर लिया। आचार्य विनबा भावे


हिन्दुस्तान का आदमी बैल तो पाना चाहता है लेकिन गाय की सेवा करना नहीं चाहता। वह उसे धार्मिक दृष्टि से पूजन का स्वांग रचता है लेकिन दूध के लिये तो भैंस की ही कद्र करता है। हिन्दुस्तान के लोग चाहते हैं कि उनकी माता तो रहे भैंस और पिता हो बैल। योजना तो ठीक है लेकिन वह भगवान को मंजूर नहीं है। “आचार्य विनबा भावे


मौन और एकान्तआत्मा के सर्वोत्तम मित्र हैं।“ आचार्य विनबा भावे





हिन्दुस्तान की एकता के लिये हिन्दी भाषा जितना काम देगीउससे बहुत अधिक काम देवनागरी लिपि दे सकती है। आचार्य विनबा भावे


गरीब वह नहीं जिसके पास कम हैबल्कि धनवान होते हुए भी जिसकी इच्‍छा कम नहीं हुई हैवह सबसे अधिक गरीब है। “आचार्य विनबा भावे


सिर्फ धन कम रहने से कोई गरीब नहीं होतायदि कोई व्‍यक्ति धनवान है और इसकी इच्‍छाएं ढेरों हैं तो वही सबसे गरीब है। “आचार्य विनबा भावे


सेवा के लिये पैसे की जरूरत नहीं होती जरूरत है अपना संकुचित जीवन छोड़ने कीगरीबों से एकरूप होने की। “ आचार्य विनबा भावे


जिस त्‍याग से अभिमान उत्‍पन्‍न होता हैवह त्‍याग नहींत्‍याग से शांति मिलनी चाहिएअंतत: अभिमान का त्‍याग ही सच्‍चा त्‍याग है। “आचार्य विनबा भावे


ज्ञानी वह हैजो वर्तमान को ठीक प्रकार समझे और परिस्थिति के अनुसार आचरण करे | “~ आचार्य विनबा भावे



नई चीज सिखने कि जिसने आशा छोड़ देवह बुढा है | “~ आचार्य विनबा भावे


तगड़े और स्वस्थ व्यक्ति को भीख देनादान करना अन्याय है। कर्महीन मनुष्य भिक्षा के दान का अधिकारी नहीं हो सकता।“आचार्य विनबा भावे


संघर्ष और उथल पुथल के बिना जीवन बिल्कुल नीरस बन कर रह जाता है। इसलिए जीवन में आने वाली विषमताओं को सह लेना ही समझदारी है।“आचार्य विनबा भावे


ज्ञानी वह है जो वर्तमान को ठीक प्रकार समझे और परिस्थति के अनुसार आचरण करे।“आचार्य विनबा भावे


निष्काम कर्मयोग तभी सिद्ध होता है जब हमारे बाह्य कर्म के साथ अन्दर से चित्त शुद्धि रुपी कर्म का भी संयोग होता है।“आचार्य विनबा भावे




भविष्य में स्त्रियों के हाथ में समाज का अंकुश आने वाला है। उसके लिए स्त्रियों को तैयार होना पड़ेगा। स्त्रियों का उद्धार तभी होगाजब स्त्रियाँ जागेंगी और स्त्रियों में शंकराचार्य जैसी कोई निष्ठावान स्त्री होगी।“आचार्य विनबा भावे


खुदा से डरने वाले को और किसी का क्या डर।“आचार्य विनबा भावे


महान विचार ही कार्य रूप में परिणित होकर महान कार्य बनते हैं।“आचार्य विनबा भावे


यदि किसी को भी भूख-प्यास नहीं लगती तो अतिथि सत्कार का अवसर कैसे मिलता।“आचार्य विनबा भावे


अभिमान कई तरह के होते हैंपर मुझे अभिमान नहीं हैऐसा भास होने जैसा भयानक अभिमान दूसरा नहीं है।“आचार्य विनबा भावे


बुद्धि का पहला लक्षण है काम आरम्भ न करो और अगर शुरू कर दिया है तो उसे पूरा करके ही छोड़ो।“आचार्य विनबा भावे


जिस राष्ट्र में चरित्रशीलता नहीं हैउसमें कोई योजना काम नहीं कर सकती।“आचार्य विनबा भावे


यदि आप किसी चीज का सपना देखने का साहस कर सकते हैं तो उसे प्राप्त भी कर सकते हैं।“आचार्य विनबा भावे


जब हम किसी नयी परियोजना पर विचार करते हैं तो हम बड़े गौर से उसका अध्ययन करते हैं। केवल सतह मात्र का नहींबल्कि उसके हर एक पहलू का।“आचार्य विनबा भावे




ऐसा व्यक्ति जो एक घंटे का समय बर्बाद करता हैउसने जीवन के मूल्य को समझा ही नहीं है।“आचार्य विनबा भावे


हम आगे बढ़ते हैंनए रास्ते बनाते हैं और नयी परियोजनाएं बनाते हैं क्योंकि हम जिज्ञासु हैं और जिज्ञासा हमें नयी राहों की ओर ले जाती है।“आचार्य विनबा भावे


प्रेरणा कार्य आरम्भ करने में सहायता करती है और आदत कार्य को जारी रखने में सहायता करती है।“आचार्य विनबा भावे


अनुशासनलक्ष्यों और उपलब्धि के बीच का सेतु है। यकीन मानिए ज्ञान की अपेक्षा अज्ञान ज्यादा आत्मविश्वास पैदा करता है।“आचार्य विनबा भावे


औपचारिक शिक्षा आपको जीविकोपार्जन के लिए उपयुक्त अवसर देती हैजबकि अनुभव आपका भाग्य बनाते हैं।“आचार्य विनबा भावे


जो सब की प्रशंसा करता है वह किसी की प्रशंसा नहीं करता।“आचार्य विनबा भावे


परस्पर आदान-प्रदान के बिना समाज में जीवन का निर्वाह संभव नहीं है।“आचार्य विनबा भावे




जब तक कष्ट सहने की तैयारी नहीं होती तब तक लाभ दिखाई नहीं देता। लाभ की इमारत कष्ट की धूप में ही बनती है।“आचार्य विनबा भावे


मौन और एकांत आत्मा के सर्वोत्तम मित्र है।“आचार्य विनबा भावे


द्वेष को हम द्वेष से नहीं मिटा सकते। प्रेम की शक्ति ही उसे मिटा सकती है।“आचार्य विनबा भावे


प्रतिभा का अर्थ है बुद्धि में नयी कोंपलें फूटते रहना। नयी कल्पनानया उत्साहनयी खोज और नयी स्फूर्ति प्रतिभा के लक्षण हैं।“आचार्य विनबा भावे


मनुष्य जितना ज्ञान में घुल गया हो उतना ही कर्म के रंग में रंग जाता है।“आचार्य विनबा भावे


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